परलोक और पुनर्जन्मकी सत्य घटनाएँ (Parlok Aur Punarjanm Ki Satya Ghatnayen)

25.00

भारतीय संस्कृति और हिन्दू-धर्म में पुनर्जन्म का सिद्धान्त निर्विवाद रूप में स्वीकार किया गया है। जीव अपने कर्मानुसार समय-समय पर विभिन्न योनियों में जन्म लेता है और सुख-दुःख का फल भोगता है। इस पुस्तक में पुनर्जन्म के सिद्धान्त को पुष्ट करनेवाली 24 सत्य घटनाओं का कथानक के रूपमें सुन्दर चित्रण किया गया है।

Additional information

Dimensions 21 × 14 × 1 cm
Cover Type

Hard Bond

Language

Hindi

Writer

Geeta Press

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